भाण्डीरवन का रहस्य:
भाण्डीरवन,
वृन्दावन से लगभग १० किलोमीटर दूर यमुना पार छायरी गाँव के पास तहसील मॉठ,
जिला मथुरा में हैं
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गर्ग संहिता के आधार पर भाण्डीरवन में ब्रह्मा जी ने राधा कृष्णा का गन्धर्व विवाह कराया था,
इसीलिए यहाँ पर मंदिर में श्री कृष्ण के द्वारा राधा रानी की मांग भरते हुए दर्शन हैं
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यहाँ एक ऐसा कुंआ है जिसका रंग सोमवती अमावस्या को दूधिया हो जाता है
लीलायॆं :
• यहाँ पर गोचारण के समय,
श्री कृष्ण और बलराम जी का ग्वाल-
बालो के साथ भोजन-क्रीड़ा कौतुका हैं।
• यहाँ विशाल भाण्डीर-वट की लम्बी-लम्बी शाखाओं पर चढ़कर कृष्ण और सखाओं की,
यमुना के पार जाने-
आने की क्रीड़ा हैं।
• यहाँ ब्रजाड़ग़नाओ के साथ श्री कृष्ण की मल्ल-क्रीड़ा हैं।
• सखाओं के साथ श्री कृष्ण और बलराम की भोजन-क्रीड़ा के समय गायों और ग्वाल-
बालो का मुज्ज्वन में प्रवेश और उनकी दावानल से रक्षा की क्रीड़ा हैं।
• यहाँ वत्सासुर बध की पाप की शुद्धि के लिए श्री कृष्ण द्वारा अपने बेणु से बेणु कूप निर्माण कर उसमे समग्र तीर्थो का आवाहन कर,
उसमे स्वंय स्नान द्वारा पवित्र होने की लीला हैं।
• यहाँ प्रलम्बासुर की उद्धार-लीला हैं और समीप ही बंशी वट पर रासलीला हैं |
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